जसोल में शुक्रवार को अहिंसा रैली के साथ आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शिष्या साध्वीश्री रातिप्रभा जी का चार्तुमासिक मंगल प्रवेश हुआ। साध्वीश्री के मंगल प्रवेश पर तेरापंथ सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल, किशोर मंडल व अणुव्रत समिति की और से स्वागत अभिनदंन किया गया। रैली में श्रावक- श्राविकाओं ने अणुव्रत के जयकारे लगाए। रैली बस स्टैंड रोड, अणुव्रत द्वार से रवाना होकर आजाद चौक, मीठी मां चौक, महावीर चौक -मैन बाजार, अहिंसा सर्कल, इलोजी से होकर पुराणा ओसवाल भवन, जसोल पहुँची। वहां पर स्वागत कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए साध्वीश्री रातिप्रभा जी ने कहा कि संत – ऋषियों की यह भारत भूमि, जहां अनेक तपस्वी संतो ने इस धरा का गौरव बढ़ाया। नगर में साधु – संतो के आगमन से मनरूपी बसंत खिलता हैं। साधु – संत धरती के कल्पवृक्ष हैं, सिंतामणी रत्न के समान हैं। साध्वीश्री ने कहा कि विश्वकल्याण की सोच के साथ प्रेम, मैत्री, करुणा व अहिंसा का पथदर्शन साधु – संतो के सौभाग्य से ही मिलता हैं। साध्वीश्री कलाप्रभा जी ने मंगल प्रवेश शब्द की व्याख्या करते हुए ज्ञान, दर्शन, चारित्र और तप की विशेष आराधना के लिए आह्वान किया। साध्वीश्री मनोज्ञयशा जी व साध्वीश्री पावनयशा जी ने भी अपने प्रेरणादायी विचार व्यक्त किये।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ कन्या मंडल के द्वारा मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण कार्यक्रम में तेरापंथ सभा अध्यक्ष भूपतराज कोठारी,श्री अशोकजी ढेलाड़िया (अध्यक्ष ओसवाल समाज जसोल ), ज्ञानशाला प्रभारी डूंगरचंद सालेचा, पारमार्थिक शिक्षण संस्थान लाडनूं सयोंजक मोतीलाल जीरावला, अणुव्रत समिति मंत्री सफरु खान, महेंद्र तातेड़, प्रवीण भंसाली, सतीश भंसाली, तेरापन्थ महिला मंडल अध्यक्ष कंचनदेवी ढ़ेलडिया, पुष्पादेवी बुरड़ परसमल,जी,गोलेशा सहित प्रबुद्ध वक्ताओ ने विचार व्यक्त किये। तेरापंथ महिला मंडल व तातेड़ परिवार की महिलाओं द्वारा अलग अलग सामूहिक गीतिका का संगान किया गया। बस स्टैंड पर रैली से पहले अणुव्रत समिति जसोल द्वारा अणुव्रत द्बार के भामाशाह सुरेशकुमार भंसाली सुपुत्र स्व. श्री डूंगरचन्द जी का अणुव्रत दुपट्टा पहनाकर बहुमान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन कान्तिलाल ढ़ेलडिया ने किया।