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11 दिवसीय ग्रीष्मकालीन धार्मिक नैतिक ज्ञान शिविर का उत्साहपूर्वक समापन

ब्यूरो चीफ सन्तोष कुमार गर्ग
श्री वर्धमान जैन स्थानकवासी संस्थान के तत्वाधान में आयोजित 11 दिवसीय ग्रीष्मकालीन धार्मिक नैतिक ज्ञान शिविर का समापन समारोह उल्लास एवं उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर अनेक गणमान्य नागरिक, अभिभावकगण एवं समाज के सदस्य उपस्थित रहे।
समारोह की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष श्री मोतीलाल हुंडिया ने की, जबकि कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में श्री सुरंगीलाल सालेचा उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में भगवान महावीर के सिद्धांतों, पंच परमेष्ठियों की महत्ता, नमस्कार सूत्र, जीवन संस्कार एवं आर्य संस्कृति की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें गर्व है कि हम आर्य भारत भूमि में जन्मे हैं, जहाँ हमें भगवान महावीर की वीतराग वाणी का लाभ मिल रहा है।
संस्थान के मंत्री श्री ओमप्रकाश बांठिया ने शिविर के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा, विनय एवं विवेक के क्षेत्र में प्रेरणा देने की बात कही और आग्रह किया कि अधिक से अधिक बालक-बालिकाएं ज्ञानशाला से जुड़ें, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके।
शिविर संयोजक श्री बाबूलाल हुंडिया ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि शिविर में कुल 186 बालक-बालिकाओं ने भाग लिया। इस दौरान ज्ञानशाला की शिक्षिकाओं के निर्देशन में विविध ज्ञानवर्धक गतिविधियाँ एवं प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। साथ ही गुरु भगवंतों से मंगल प्रेरणा पाथेय प्राप्त हुआ।
शिविर के समापन अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें मोबाइल के दुष्प्रभाव से बचने एवं नियमित रूप से ज्ञानशाला में भाग लेने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संदेशात्मक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
समारोह का संचालन महावीर युवक संघ के पूर्व मंत्री श्री हितेश मूणोत ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री गौतमचंद सालेचा, किशोरचंद सालेचा, लूणचंद सालेचा, दीपकचंद भंडारी, जसराज तातेड, शान्तीलाल अन्याव, लूणचंद चोपड़ा, राहुल छाजेड़, गजराज गोलछा, महेंद्र छाजेड़, रमेश सालेचा, नरेश तातेड सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
महिला मंडल की ओर से अध्यक्ष श्रीमती सुमन देवी हुंडिया, श्रीमती पुष्पा देवी जीरावला, श्रीमती मंजू देवी काकरिया सहित अन्य महिला सदस्य एवं कन्या मंडल की भागीदारी भी सराहनीय रही।
समापन अवसर पर विभिन्न कक्षाओं के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। साथ ही सभी प्रतिभागी बच्चों को सांत्वना पुरस्कार एवं शिक्षण कार्य में योगदान देने वाले शिक्षकों-शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया।