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बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की शुरुआत करेगा

ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार शर्मा

 

*बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की शुरुआत करेगा*

 *भारत निर्वाचन आयोग (ECI) सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में दर्ज कराने के लिए घर-घर सत्यापन किया जाएगा*

**राजनीतिक दलों को पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा**

भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज बिहार राज्य में आयोग द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों और कार्यक्रम के अनुसार *विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR)* आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची (Electoral Roll) में सम्मिलित हों ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोई अपात्र व्यक्ति सूची में न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता हो।

बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था। *शहरीकरण की तीव्र गति, बार-बार होने वाले प्रवास, नए युवा मतदाताओं का पात्र होना, मृत्यु की जानकारी न मिल पाना, और विदेशी अवैध प्रवासियों के नामों का सम्मिलित होना* जैसे कई कारणों से एक बार फिर गहन पुनरीक्षण की आवश्यकता उत्पन्न हुई है ताकि त्रुटिरहित एवं विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार की जा सके।

इस गहन पुनरीक्षण के दौरान बूथ स्तर अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे और सत्यापन करेंगे। विशेष पुनरीक्षण के दौरान भारत निर्वाचन आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में वर्णित पंजीकरण की पात्रता और अपात्रता से संबंधित संवैधानिक एवं कानूनी प्रावधानों का पूर्णतया पालन करेगा।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के अनुसार मतदाता के रूप में नाम दर्ज करने की पात्रता की जाँच पहले से ही निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा की जाती रही है। *अब पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह अनिवार्य होगा कि ERO द्वारा संतुष्टि के लिए उपयोग किए गए दस्तावेज ECINET पर अपलोड किए जाएं,* क्योंकि वर्तमान तकनीकी स्तर इसकी सुविधा देता है। हालांकि, गोपनीयता के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ये दस्तावेज केवल प्राधिकृत निर्वाचन अधिकारियों द्वारा ही देखे जा सकेंगे।

यदि किसी राजनीतिक दल या मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) उसकी जांच करेंगे और फिर ERO अपनी संतुष्टि सुनिश्चित करेगा। *अधिनियम की धारा 24 के तहत, ERO के आदेश के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट या मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष अपील भी की जा सकती है।*

मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) और बूथ स्तर अधिकारी (BLO) को निर्देशित किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं, विशेषकर वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब और अन्य कमजोर वर्गों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उन्हें पूरी सुविधा दी जाए, जिसमें स्वयंसेवकों की सहायता भी शामिल हो सकती है।

भारत निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास करेगा कि पुनरीक्षण प्रक्रिया निर्विघ्न रूप से और न्यूनतम असुविधा के साथ पूरी हो। इसके साथ ही आयोग सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध करेगा कि वे अपने *बूथ स्तर एजेंट (BLA)* हर मतदान केंद्र पर नियुक्त करें। BLAs की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी प्रकार की त्रुटियाँ प्रारंभिक चरण में ही ठीक की जा सकें जिससे बाद में दावे, आपत्तियाँ और अपील की घटनाओं में कमी आए।

यह उल्लेखनीय है कि मतदाता और राजनीतिक दल, दोनों ही किसी भी निर्वाचन प्रक्रिया के सबसे महत्वपूर्ण भागीदार हैं और केवल उनकी पूर्ण सहभागिता से ही इस प्रकार के व्यापक अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है।

Viyasmani Tripathi

Cheif editor Mobile no 9795441508/7905219162

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