बहेड़ी के रामलीला मैदान में धूमधाम से मनाई गई माता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती,पाल,धनगर, बघेल समाज द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, हजारों की हुई ऐतिहासिक भागीदारी
The 300th birth anniversary of Mata Ahilyabai Holkar was celebrated with great pomp at the Ramlila ground in Baheri, a grand procession was taken out by the Pal, Dhangar, Baghel community, thousands participated in the historic event

ब्यूरो रिपोर्ट… रामपाल सिंह धनगर
बहेड़ी…मालवा की महान धर्मपरायण शासिका माता अहिल्याबाई होल्कर जी की 300वीं जयंती के शुभ अवसर पर बहेड़ी नगर का माहौल भक्तिमय और गौरवशाली बन गया। पाल, धनगर और बघेल समाज के संयुक्त तत्वावधान में भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। रामलीला मैदान से प्रारंभ होकर निकली यह शोभायात्रा नगरवासियों के लिए ऐतिहासिक क्षण बन गई, जिसमें समाज के हजारों लोग पारंपरिक वेशभूषा में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर शोभायात्रा में विशेष रूप से उपस्थित हुए जाने-माने उद्योगपति श्री तेजू बघेल ने माता अहिल्याबाई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा:
महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी एक आदर्श, न्यायप्रिय और करुणामयी शासिका थीं। उन्होंने अपने शासनकाल में समाज के वंचित वर्ग, विशेषकर महिलाओं के कल्याण के लिए कार्य किए। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
उन्होंने आगे कहा कि अहिल्याबाई जी ने अपने जीवन में न केवल मंदिरों का जीर्णोद्धार करवाया, बल्कि नारी शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह, गरीबों के पुनर्वास जैसे साहसिक सामाजिक सुधारों को भी अपनाया। आज के समय में जब देश को नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता है, ऐसे में अहिल्याबाई का जीवन दर्शन अत्यंत प्रासंगिक बन जाता है।
*माता अहिल्याबाई होल्कर जी का संक्षिप्त जीवन परिचय*
माता अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंडी ग्राम (जिला अहमदनगर) में हुआ था। वे बचपन से ही धार्मिक, परोपकारी एवं विदुषी प्रवृत्ति की थीं। विवाहोपरांत वे इंदौर के होल्कर राजवंश की रानी बनीं और बाद में राज्य संचालन की बागडोर अपने हाथों में ली। उनके कार्यकाल को भारतीय इतिहास में न्याय, सेवा और जनकल्याण की मिसाल के रूप में देखा जाता है।
उन्होंने काशी, द्वारका, रामेश्वरम, सोमनाथ, गया जैसे धार्मिक स्थलों का पुनर्निर्माण कर जनमानस को धार्मिक एकता से जोड़ा। अहिल्याबाई जी ने राजसत्ता का उपयोग जनहित में किया और आजीवन एक तपस्विनी की भांति लोकसेवा करती रहीं।
*अन्य गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति*
इस ऐतिहासिक शोभायात्रा में क्षेत्र के कई प्रमुख गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें शामिल थे:
• श्री छत्रपाल गंगवार – सांसद, बरेली
• श्री सूर्य प्रकाश पाल – राज्य मंत्री (दर्जा प्राप्त), उत्तर प्रदेश सरकार
• श्री हरीश चंद्र पाल – सीएमडी, पाल बिजनेस ग्रुप
• श्री राजेंद्र पाल – सीएमडी, आरके इंडस्ट्रीज़
• हरेंद्र पाल – अधीक्षण अभियंता
• श्री शैलेन्द्र विक्रम – वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता
• श्री हरबंश सिंह पाल – कार्यक्रम संयोजक
• पत्रकार रामपाल सिंह धनगर, राकेश कुमार पाल, करन पाल, मोहित पाल, मनजीत बघेल, लकी पाल, राजपाल, उमेश पाल, महेंद्र पाल, विजयपाल, मुकेश पाल, शेर सिंह धनगर सहित अनेक समाजसेवी।
*समापन में श्रद्धांजलि और संकल्प*
शोभायात्रा का समापन माता अहिल्याबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धासुमन अर्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर समाज के लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे माता अहिल्याबाई के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएंगे और समाज कल्याण के मार्ग पर सतत अग्रसर रहेंगे।