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मनोविकारों के दहन का पर्व होली पहले जलाना है फिर मनाना है ब्रह्माकुमारी बहन जी

लोकेशन=पन्ना मध्य प्रदेश पन्ना

ब्यूरो चीफ=सुधीर अग्रवाल

 

 

 ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में होली का त्योहार आध्यात्मिक रीति से पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर बहन जी ने सभी को होली की शुभकामनाएँ देते हुए इसके आध्यात्मिक रहस्य को समझाया। उन्होंने कहा कि यह रंगों का पर्व हमारे मन में उमंग, उत्साह और खुशियाँ भर देता है, लेकिन सभी त्योहारों की तरह इसमें भी गहरा आध्यात्मिक संदेश निहित है। जब हम इन रहस्यों को जानकर त्योहार मनाते हैं, तो उनका महत्व और भी बढ़ जाता है।

       बहनजी ने बताया कि होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथा के अनुसार, भक्त प्रहलाद को उसकी बुआ होलिका अग्नि में लेकर बैठी थी, लेकिन स्वयं जलकर राख हो गई, जबकि प्रहलाद सुरक्षित रहे। इस कथा का आध्यात्मिक अर्थ यह है कि प्रहलाद अच्छाइयों का प्रतीक हैं और होलिका बुराइयों का। अच्छाइयों को कोई भी जलाने का प्रयास करे, वे समाप्त नहीं हो सकतीं। इसी प्रकार, परमात्मा शिव हमें यही श्रीमत देते हैं कि हमें अपने भीतर की बुराइयाँ—ईर्ष्या, नफरत, काम, क्रोध, वासना और आसुरी वृत्तियों को योग अग्नि,अर्थात परमात्मा की स्मृति की ज्वाला में नष्ट कर देना चाहिए।

कार्यक्रम में सैकड़ों भाई-बहन समलित हुएऔर सभी ने एक-दूसरे को गुलाल एवं फूलों की वर्षा कर शुभकामनाएँ दीं।

Sudhir Agrawal

Beauro Chief Panna Madhya Pradesh

Sudhir Agrawal

Beauro Chief Panna Madhya Pradesh

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