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मनरेगा में बदला भ्रष्टाचार का ट्रेड
ब्यूरो चीफ सचिन कुमार कसौधन
*मनरेगा में बदला भ्रष्टाचार का ट्रेड ,पहले मानक विहीन कराओ काम,उसी काम का सुविधा शुल्क देकर जारी हो रहा दुबारा मस्टरोल*
-मास्टररोल में बन रही श्रमिकों की फर्जी हाजिरी गौर ब्लाक के ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल से जुड़ा मामला
-डी0सी0 मनरेगा की संलिप्तता से रुकने का नाम नही ले रहा मनरेगा भाष्ट्राचार
-धरातल से नदारद मजदूरों की कागज़ों मे हो रही उपस्थिति, ब्लाक प्रशासन बना अनजान
-रानीपुर सरहद से लहरी के चक तक चकबंद निर्माण कार्य मे 126 श्रमिकों की हाजिरी
-बेलवरिया जंगल से मानपुर माझा सरहद तक निर्माण कार्य मे 177 श्रमिकों की हाजिरी
-फल के घर से रामफल के चक तक चकबंद निर्माण कार्य मे 69 मजदूरों की हाजिरी
-तीनो साइडो पर कुल टोटल 373 फर्जी मनरेगा मज़दूरों की लगी हाजिरी
-ब्लॉक प्रशासन के जिम्मेदारों की संलिप्तता से जनप्रतिनिधियों द्वारा फर्जी हाजिरी
बस्ती संवाददाता – केन्द्र सरकार भले ही गरीबों को रोजागर हेतु लाख जुगत करे लेकिन मनरेगा माफिया हाथ साफ करने मे पीछे नही हट रहे है ।ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल मे मनरेगा योजना हाथी का दांत
साबित हो रहा है।
प्राप्त समाचार के अनुसार – विकास खण्ड गौर के अन्तर्गत ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल मे मनरेगा अधिकारियों की मिलीभगत होने से मनरेगा मजदूर धरातल छोड़ मनरेगा की उपस्थिति पंजिका के कागजों में उपस्थित हो रहें हैं। आनलाइन काम करते हुए दिखाये जा रहे मजदूरों की संख्या धरातल पर शून्य है। ग्राम पंचायत बेलवरिया जंगल में तीन साइडों पर मनरेगा परियोजनाओं के तहत कार्य चल रहा है रानीपुर सरहद से लहरी के चक तक चकबंद निर्माण कार्य मे 126 श्रमिको हाजिरी बेलवरिया जंगल से मानपुर माझा सरहद तक निर्माण कार्य मे 177 श्रमिक की हाजिरी ,फल के घर से रामफल के चक तक चकबंद निर्माण कार्य मे 69 मजदूरो की हाजिरी तीनो साइडो पर कुल टोटल 373 श्रमिकों की हाजिरी रजिस्टर मे लग रही है । मीडिया टीम के जमीनी पड़ताल में एवं ग्रामीणो के मुताबिक धरातल पर एक भी मजदूर काम करते नहीं दिख रहे है ऐसे में धरातल से नदारद मजदूरों की कागज़ों मे उपस्थित से ब्लाक प्रशासन का अनजान रहना विकास का पोल खोलता नजर आ रहा है। मनरेगा जिम्मेदारो एवं कर्मचारी की खुली छूट से जनप्रतिनिधि अपने चहेतों का मनमानीपूर्ण हाजिरी लगवाने में जुटे हुए है। ब्लाक प्रशासन की उदासीनता से सरकार के जीरो टालरेंस की नीति को पलीता लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार की मनरेगा योजना को गौर ब्लॉक के अधिकारियों एवं कर्मचारिओं द्वारा तार-तार किया जा रहा है। अपना जेब भरता तो भाड़ में जाए जनता की नीति को जिम्मेदार चरितार्थ कर रहे है। जनप्रतिनिधि एवं सचिव मिली जुली खिचड़ी पकाने में जुटे हैं और सरकारी धन के सफाये के लिए कटिबद्ध हो गए है। गरीबों को रोजगार का मौका न मिलने से मनरेगा की जिम्मेदारों के ऊपर से भी विश्वास उठ रहा है । सूत्रों के मुताबिक मामला प्रकाश में आने के बाद भी जिले जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कार्यवाही करने के बजाय मलाई की मस्ती मे व्यस्त रहते हैं।