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सावित्रीबाई फुले के सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक महिलाओं की शिक्षा

ब्यूरो चीफ सचिन कुमार कसौधन
बस्ती – सावित्रीबाई फुले इतिहास के पन्नों में एक चमकता हुआ नाम है। वह एक असाधारण महिला थीं जिन्होंने अपना जीवन भारत में महिलाओं और दबे-कुचले समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए बिताया। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के नायगांव गांव में हुआ था। आज 3 जनवरी 2025 को सरदार बल्लभभाई पटेल श्री मती राजपति देवी शिक्षण संस्थान मझौआ खुर्द में मुख्य अतिथि को रुप में आनंद रंजन और प्रवीन निगम ने इस पर प्रकाश डालते हुए और बच्चे में केक काटकर बच्चो के साथ मिलकर मनाया गया राजपति देवी शिक्षण संस्थान मझौवा खुर्द बस्ती में सवित्री बाई फूले का जन्मदिवस सावित्रीबाई का बचपन गरीबी और भेदभाव में बीता, क्योंकि वह निम्न जाति के माली समुदाय से थीं। सावित्रीबाई फुले के सबसे महत्वपूर्ण योगदानों में से एक महिलाओं की शिक्षा में उनका अग्रणी प्रयास था। कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, सावित्रीबाई में ज्ञान की प्यास थी जिसने उन्हें शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर विद्यालय को प्रबंधक रामस्वरूप वर्मा जी और दिपक सुरेंद्र कुमार वर्मा महेश गुप्ता शिवांगी प्रियंका काजल सरोज आदि सभी छात्र एवं छात्राओं उपस्थित थे