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एक नवविवाहित महिला पर पति व ससुरा वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताडित करना व उसके साथ मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ 

ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार शर्मा

 

भिवाड़ी. भिवाड़ी के महिला थाने में एक नवविवाहित महिला पर पति व ससुरा वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताडित करना व उसके साथ मारपीट करने का मामला दर्ज हुआ। भिवाड़ी महिला थानाधिकारी परकिता लामौरिया ने बताया कि कोमल चौहान पुत्री कर्वरपाल निवासी 2/31 हाउसिंह बोर्ड कालोनी भिवाड़ी ने मामला दर्ज करवाया कि मेरी शादी दिनांक 12 नवंबर 2024 को बड़ी घूम- धाम से हिन्दू रितिरिवाज से उत्कर्ष पुत्र शेलैन्द्र प्रताप सिंह निवासी (फ92, न्यू टाउन हाईट, सेक्टर 86 गुड़गोंबा) के साथ होटल फारेच्यून पार्क ओरेंज सिधरावली, गुडगावा में हुई थी। मेरी शादी में लगभग 45 लाख रूपये खर्चा किया इससे पहले रिंग सेरिमनी भी होटल फारॅच्यून पार्क ओरेंज सिधरावली गुडगावा में अक्टूबर 2023 में वर पक्ष की मर्जी मुताबिक सम्पन्न की थी रिंग सेरिमनी में भी लगभग 6 लाख रूपये खर्च किये थे शादी के बाद ससुराल पहुंचने पर जब मेरी शादी की पहली रात थी तब कमरा सजा हुआ था तो मेरा पति उत्कर्ष कुछ दवाईया लेने लगा तो मैने पुछा तो ये कौन सी दवाईया ले रहे हो, तो उसको गुस्सा आ गया और उत्तेजित हो कर जोर जोर से गालीयां देने लगा और कमरे के सामान को इधर-उधर फेंकने लगा। मुझे यह समझ में नहीं आ उत्कर्ष को जब मैं रोकने लगी तो वह मुझे मारने के लिए मेरी तरफ आया और कमरे का सामान मेरे उपर फेंकने लगा उसके बाद मैं रोते रोते कमरे के एक कोने में ही सो गई। सुबह मेने यह घटना अपने ससुराल वालो को बताई तो मेरे ससुर ने कहा तुम्हे अब इन सब बातो की आदत डालनी पड़ेगी मेरा बेटा तो ऐसा ही करेगा तुम्हे उसे झेलना पड़ेगा अभी से आदत डाल लो दूसरी बार जब मैं ससुराल गई तो मेरी सास इन्द्रा देवी, व ससुर शैलेन्द्र प्रताप सिंह जेठ विनय सिंह व मेरे पति की मौसी की लड़की पूजा ने ताने दिये कि शादी में तेरे बाप नै नगद रकम नहीं दी जबकि हमारे उत्कर्ष के लिए तो 21-21 लाख रूपये नगद के रिश्ते आ रहे थे। मेरी सास के उकसावे में आकर मेरे पति ने मुझसे बात करना बंद कर दिया मैने उपरोक्त 21 लाख रूपये दहेज वाली बात मेरे पिता को बताई तो उन्होंने कहा कि में बात करता हूं। शादी के बाद मुझे पता चला कि मेरा पति स्ट्रेस एंग्जाइटी डिप्रेशन नामक बिमारी से पीडित है, छोटी छोटी बातो ज्यादा गुस्सा होना और व्यहवार आक्रामक हो जाता है।मेरे ससुर शैलेन्द्र प्रताप ने कुछ पूछने के बहाने मेरे ऊपर दवाब बनाया और दो घण्टे तक मेरे को बिना मतलब के मानसिक रूप से दहेज को लेकर प्रश्न पुछ-पुछ कर इतना प्रताडित किया जब मैं बेहोश हो गयी तो मैं मेरी सास के कंधे पर गिर गयी तब मेरे ससुर ने मेरी बी.पी. चैक किया और मेरे होश में आने पर बोले कि कोमल तुम रिलेक्स हो कर आओ फिर से कन्टीन्यू करते है वे सभी लोग बड़े बेरहम हैं। मेरा पति उत्कर्ष कहने लग गया कि तेरे घर वालों ने हमारी हैसियत के अनुसार नकद रूपये और सोना चांदी और चार पट्टीयों की गाड़ी तेरे घरवालो ने कुछ भी नहीं दिया इस बात को लेकर आये दिन मेरा पति उत्कर्ष व मेरा ससुर शैलेन्द्र प्रताप व सास इन्द्रा देवी रोज परेशान करते थे। जब भी कभी मैं अपने घर अपनी माँ से बात करती तो मेरी सास व मेरा पति दोनो मेरे पास आकर बैठ जाते और बात करने नहीं देते जिससे में दिमागी तौर पर परेशान रहने लगी थी दिनांक 05 दिसंबर 2024 की मेरा पति मुझे घुमाने के नाम पर उदयपुर राजस्थान ले गया जहाँ पर हम जनक विलास होटल में रहे वहा पर खाना खाने कि वजह से मुझे सरदर्द व उल्टीया हुई और मेरी तबीयत खराब हो गई मेरा पति दवाई लेने बाहर गया जो 2-3 घन्टे तक नहीं आया मेने दरवाजा खोलना चाहा तो दरवाजा बाहर से बन्द था 2-3 घन्टे बाद मेरा पति जब वापस आया तो मैने कहा कि मेरी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है और आप मुझे बाहर से बन्द कर गये इस पर मुझे कुछ हो जाता तो कौन जिम्मेवार होता इतने में मेरे पति ने गुस्सा होकर मेरे गाल पर थप्पड़ मारकर धक्का दिया और मेरे उपर बैठ गया और तकीये में मेरे मुहं को दबाने लगा और इससे मेरा दम घुटने लगा मुझे लगा कि अब मैं मर ही जाउंगी तब मुश्किल से उत्कर्ष से मैने अपनी जान बचाई उसके बाद इसने मुझे मेरे मम्मी पापा से भी बात करने का कोई मौका ही नहीं दिया फिर रात को खाना खाने के समय पर रेस्टोरेन्ट से अचानक उठकर कहीं चला गया कुछ समय बाद आया तो मैने पुछा, बार-बार कहा जाते हो

मेरे वे पूछने पर उत्कर्ष पागलो कि तरह व्यवहार करने लगा तथा बोला कि कमरे में तो तु बच गई थी अब मेरे से नहीं बच पायेगी ये कहते हुए उसने मार्बल की टेबल खाने सहित मुझ पर पलट दि जिससे टेबल पर रखा गरम खाना व टेबल का पत्थर मेरे उपर आ गिरा जिससे मुझे मेरे शरीर पर चोटे आई, इसके बाद वहां पर शोर शराबा हो गया होटल स्टाफ व मालिक ने मुझे बचाया फिर होटल के स्टाफ ने मेरे पापा से बात कि ओर उन्हे बताया कि आपकी बेटी के साथ बड़ा हादसा हुआ है व चोटे लगी है आप यहा होटल आ जाये या किसी को भेज दे तब होटल मालिक मुझसे बोला कि आप अपना सामान पैक करलो आपके पापा से मेरी बात हो गई है आपको लेने आपके रिस्तेदार आ रहे है जिसमे रिस्तेदार मेरे पापा के बचपन के मित्र है जिनका नाम अक्षय कुमार है उनके साथ उनकी पवि भी आई थी जो मुझे अपने घर ले गए मैं उनके घर रूकी मेरा पति उत्कर्ष मुझे ऐसी हालत में उदयपुर में ही अकेला छोड़ कर अपने घर चला गया। फिर 08 दिसंबर 2024 को मैं अकेली फलाईट से दिल्ली एयरपोर्ट आ गई यहा मेरे मम्मी पापा और मेरा भाई इन्तजार कर रहे थे और फिर मैं अपने मम्मी पापा व भाई के साथ अपने घर आ गई उसके बाद मेरे पति उत्कर्ष का कोई फोन तक नहीं आया है। मेरा सारा स्त्रीधन मेरी सास इन्द्रा देवी के कब्जे में है।

महिला का जला हुआ पैर

Viyasmani Tripaathi

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