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मृत पशुओं की लाशें बताती है की ये लापरवाही नही बहुत बड़ा भरस्टाचार है

बीकानेर से डॉ. राम दयाल भाटी की रिपोर्ट
राजकीय वेटरनरी हॉस्पिटल बीकानेर दशा और दुर्दशा , जिसका देश विदेश में काफी नाम है ।
वैसे तो सरकार ने राजकीय बीकानेर वेटरनरी होस्पिटल के लिए करोड़ो का बजट पारित किया और इस हॉस्पिटल ने देश विदेश मे खूब नाम किया और हजारों पशु डॉक्टर यहाँ से शिक्षित होकर देश विदेश में अपना नाम और काम कमा रहे है राजस्थान का पहला पशु चिकित्सालये का गौरव प्राप्त है इसको । मगर वास्तिवक हालात इसके विपरीत है घोर विपरीत है जिसका मेरा वीडियो गवाही दे रहा है ,,क्योंकि सही हालात जानने के लिए कोई प्रशाशनिक अधिकारी या राजनेता यहाँ आता ही नही है क्योंकिं ये पशु चिकित्सालये है और यहाँ वोट नही है और न ही पब्लिक की वाही वाही यहाँ है और न ही यहाँ फ़ोटो सेसन होता है ,,यहाँ होता है तो केवल और केवल मूक पशु की पीड़ा का मौन चीत्कार या उनकी आंखों से बहते उनके दर्द के आँशु इन कर्तव्यों से विमुख पशु डॉक्टरों के लिए बद्दुआएं देते ,यहाँ के अधिकारियों की लापरवाही इतनी देखो की पिछले सात दिन से हॉस्पिटल के आगे मृत गोवंस पड़ा है वो सड़ गया है उसका शरीर फूल गया है भयंकर संडास मार रहा है पर ,इनको दिखता ही नही है ,ये नयन सुख अंधे बने है । जिनको केवल और केवल करोड़ो के बजट की बंदरबांट करनी है ,,सरकार भी इनकी कोई ऑडिट नही करती मंत्रीजी भी नींद में है संबंधित अधिकारी ac से बाहर ही नही आते घर पर ही रजिस्टर मंगवा कर हजारी लगा के अपनी तनख्वाह और भत्ता बनवा लेते है ,,उन्हें पूछे तो कहते है की वहाँ तो ऐसा कुछ नही है दिखवाता हूँ ,,जबकि पिछले सात दिन से मृत पशु की सड़ती लाश और फूलती बॉडी गवाही देती है की ये मृत पशु की बॉडी पुरानी है ,,केम्पस में जहाँ देखो लाशें ही लाशें यहाँ के इंचार्ज के घोर लापरवाही से पशुओं की लाशें का बाजार लगा है हर कोने में लाशें बिखरी पड़ी है । वैसे सरकार ने भी इन मूक पशुओं के लिए एक अच्छा मजाक कर रखा है इंसानों के लिये तो सरकारी opd पर्चो निशुल्क है पर पशुओं के लिय पैसे लेती है , ? है न मजाक इन मूक प्राणी के लिए ।।
यहाँ सुविधा के नाम पर सरकार से करोड़ों रुपये खर्च हो रहे है बिल बन रहे है ,,पर हकिकत ये है की पशूओं को खड़ा करने के लिए जो जेक मशीने है वो सालों से खराब है , मगर कागजो में चल रही है और इनका मेंटिनेंस का हर महीने बिल बन रहा है ।।
घायल पशुओं के लिए लगा टीन सेड के फर्श की मिट्टी काफी महीनों से नहीं बदली है ,,जबकि हर महीने इसके मेंटिनेंस के नई मिट्टी डलवाने के हजारों के बिल बने है ओर पैसा उठाया गया है ।
बीकानेर वेटरनरी चिकित्सालये में घायल या इलाज के लिये आये किसानों के पशुओं के लिये जो वार्ड बने है उनकी दुर्दशा देखने से ही पीड़ा होती है की ऐसे भी लापरवाह डॉक्टर हमारे यहाँ है केवल टपकती छत के अलावा कोई सुविधा नही कोई साफ सफाई नही ,, अगर इन वार्डो में पशु मर भी जाये तो पांच छे दिनों तक कोई संभालता ही नही जबतक वो भयंकर बदबू न मारनी सुरु करें ।
चैकीदार के नाम पर कुछ कुत्ते रखे है जो मृत पशु की लाश को नोच नोच कर अपना पेट भरते है ,और अधिकारी इस काम का फर्जी बिल बना कर अपना और अपने बच्चो का पेट भरते है ।।
घायल पशु उतारने के लिए जो फर्श बना है वो इतना टूटा फूटा है की उस पर पशु गिरकर और घायल हो जाये ।।
नॉट :- घायल पशु को इलाज के लिये लाने वाला किसान सभी प्रकार के सामान की व्यवस्था खुद करें , और अपने पशु को कुत्तो से बचाने के लिये पशु मालिक खुद चोबीस घंटे साथ रहे। हमारी कोई जिम्मेदारी नही है ये हमारे राजकीय पशु चिकित्सालये का स्लोगन है । जैसा बीकानेर वेटरनरी चिकित्सालये में हमेशा होता है ।। क्योंकि हमारे पास सभी साधन कागजो में है धरातल पर नही ।।
और दवा के नाम पर केवल ग्लूकोज लगाया जाता है और तीन प्रकार के इंजेक्शन रखते है बस इनके अलावा कुछ नही दिया जाता हाँ अगर आपकी बड़ी जानकारी या पहचान वाले है आप तो फिर आपके लिए अंदर से दवाई दे दी जाती है वरना आम नागरिक को तो बाहर से ही मंगवाई जाती है ,,मगर सरकारी इंडेन में लाखों की दवा खरीद हर तीन महीनों में होती है ,,जो दवा वापस कहाँ बिकती है ये भी सब को पता है ।।
सादर :- रामदयाल राजपुरोहित (रिशर्च)