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नांगल सोडा धाम पर माता अन्नपूर्णा के दर्शनों के लिए हजारों की तादाद में महिला पुरुष श्रद्धालुओं का लगा मेला
आज सिद्ध शक्तिपीठ मांँ अन्नपूर्णा नगरकोट धाम नांगल सोडा में सावन माह नवमी के दिन हुआ विशाल भंडारे का आयोजन

नारनौल 14 अगस्त (सतीश कुमार शर्मा)
आज सिद्ध शक्तिपीठ माँ अन्नपूर्णा नगरकोट धाम नांगल सोडा में सावन माह नवमी के दिन आज विशाल भंडारे का हुआ आयोजन इस अवसर पर यूपी पंजाब राजस्थान दिल्ली हरियाणा तक से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने माँ के दरबार में लगाई अपनी हाजिरी
धामधाम पर गद्दी आसीन परम श्रद्धेय गुरु माँ अन्नपूर्णा देवी जो मात्र 4 साल की आयु से माता अन्नपूर्णा की भक्ति में लीन रह हजारों लाखों भक्तों के लिए जीवन में धर्म संस्कृति का नया उजाला कर सनातन के प्रति समाज में नई जागरूकता लेकर आए अपने 38 साल तपस्या के संपूर्ण कर चुकी शक्ति स्वरूपा गुरु मां अपने सत्य तप के माध्यम से हजारों लाखों भक्तों को सनातन के प्रति जागरूक कर अन्नपूर्णा की भक्ति का प्रचार कर उनको धर्मपथ पर आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया है धाम की बढ़ती हुई आस्था के अनुसार धाम पर भक्तों की तादाद दिन पर दिन बढ़ती जा रही है प्रत्येक माह चांदन नवमी के दिन अन्नपूर्णा नगरकोट धाम पर यूपी पंजाब राजस्थान दिल्ली हरियाणा तक से भक्त माता के दरबार में इस पुनीत दिन पहुंचते व माता अन्नपूर्णा के दरबार में ध्वजा नारियल चुनरी चढ़ा शक्ति अवतार गुरु मां का आशीर्वाद प्राप्त कर भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं आज सर्वप्रथम शक्ति स्वरूपा गुरु मां के सानिध्य में कन्या पूजन के बाद भक्तों के लिए माता अन्नपूर्णा का दरबार दर्शनों के लिए खोला गया इस दौरान हजारों की तादाद में भक्त माता अन्नपूर्णा के दरबार में हाजिर रहे हरियाणा के सुप्रसिद्ध गायक कलाकार सुभाष एंड पार्टी अलवर के द्वारा महामाई का गुणगान किया गया इस अवसर पर भक्तों ने शक्ति स्वरूपा का गुरु मां के ऊपर की फूलों की वर्षा व फूल माला पहनाकर लिया उनका आशीर्वाद प्राचीन आस्था के अनुसार धाम पर जो भी भक्त माता अन्नपूर्णा के दरबार में ध्वजा नारियल चुनरी चढ़ाते हैं माता अन्नपूर्णा उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है इस अवसर पर धाम को आज बड़े ही सुशोभित तरीके से सजाया गया वह बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए संपूर्ण व्यवस्था सुचारू ढंग से की गई धाम के ऊपर पहुंचे श्रद्धालुओं ने कार सेवक बनकर व्यवस्थाओं को संभाला इस अवसर पर शक्ति स्वरूपा गुरु मांँ ने अपने सत्य वचनों के आधार पर भक्तों को आशीर्वाद स्वरुप बोलते हुए कहा कि आपका यहां आना तभी सार्थक रूप लेगा जब आप सर्वप्रथम अपने माता-पिता को अग्रणीय मानकर उनकी सेवा भाव करेंगे व गौ माता के प्रति अपनी आस्था जताकर हफ्ते में एक दिन दो दिन जाकर अपनी पुनीत कमाई में से कुछ उनकी सेवा में लगाएंगे आज हम पाश्चात्य संस्कृति की तरफ भाग रहे हैं हमें अपने धर्म सनातन को ज्यादा से ज्यादा प्रचारित करना चाहिए अपने धर्म के प्रति आस्था जताते हुए सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए प्रत्येक व्यक्ति का जीवन परमात्मा ने कुछ उद्देश्य देकर उनको इस भूखंड के ऊपर भेजा है उसे उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रत्येक व्यक्ति को कुछ ना कुछ पुनीत कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी ली अपने जीवन को सार्थक स्वरूप देना चाहिए कम से कम महीने में प्रत्येक व्यक्ति का तीन से चार असहाय लोगों की मदद कर उनके जीवन को सार्थक बनाने में सहयोग करना चाहिए
इस अवसर पर धाम के ऊपर पहुंचे हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का धाम की तरफ से व्यवस्थाओं को बनाए रखने में सहयोग करने के प्रति जताया आभार