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दिल में हिन्दुस्तान रखती हूं गीता-बाइबिल-कुरान रखती हूं :कौशल्या चौहान

वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी को किया गया सम्मानित - शहीद स्थल प्रबंधन ट्रस्ट करारी के स्थापना वर्षगांठ पर राबर्ट्सगंज कचहरी में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

 

ब्यूरो चीफ राम सुदीन सोनभद्र

 

सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र के स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर रविवार को राबर्ट्सगंज कचहरी में दोपहर काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें कवियों और कवियित्रियों ने एक से बढ़कर एक कविता सुनाई। कवियित्री कौशल्या चौहान ने दिल में हिंदुस्तान रखती हूं, गीता, बाइबिल, कुरान रखती हूं सुनाया और देश को नमन किया। सरस काव्य गोष्ठी का शुभारंभ वाग्देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

 वाणी वंदना करते हुए दिवाकर मेघ ने मां शारदे वर दे हमें तव स्मरण करते रहें सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डाला गोली कांड दो जून को ध्यान में रखकर ही शहीद स्थल की स्थापना की गई यह बात बताते हुए साहित्यकार प्रदुम्न त्रिपाठी एड निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र आयोजक ने,सरहद के पहरेदारों को शत-शत मेरा प्रणाम जाये। देश खड़ा है साथ आपके ए मेरा पैगाम जाये।। ओज पूर्ण भाव देकर खूब तालियां बजवाते रहे।

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार/ पत्रकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी को अंगवस्त्र, लेखनी, पुस्तिका, प्रशस्ति पत्र, माल्यार्पण कर सारस्वत अभिनंदन किया गया। लोकभाषा के कवि दयानंद दयालू ने एक दिन पेशी होई गुरू के अदालत में रहना कौनो हालत में सुनकर लोग करुणा से ओत-प्रोत हो गये।

संचालन कर रहे अशोक तिवारी ने चांदनी की जमीं पर छटा देखकर, चांद के पार हमको भी जाना पड़ा शायरी सुनाकर वाहवाही बटोरी। धर्मेश चौहान एड ने राष्ट्र को वंदन करते हुए वतन के लिए जीवन कुर्बान हो गया तो, वहीं सोन साहित्य संगम के राकेश शरण मिस्र नोटरी अधिवक्ता ने गंभीर रचना,, युद्ध युद्ध बस युद्ध छिड़ा है सुनाकर मानवता पर बल देते हुए सबको आईना दिखाया।काफी सराही गई।ओज राष्ट्र वाद के सजग प्रहरी प्रभात सिंह चंदेल ने हाथों में तिरंगा कलेजे में हिन्दुस्तान रखता हूं सुनाया और वीर रस का जज्बा जगाया।

इस अवसर पर दिलीप सिंह, दीपक, जयराम सोनी, सुधाकर, स्वदेश,प्रेम आदि कवियों ने काव्य पाठ किया। अध्यक्षता कर रहे मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने हाय यह प्रचंड धूप सुनाकर श्रमिक की पीर को उकेरा और पूर्णता प्रदान किया तथा कवियों को आशीर्वाद दिया। आभार आयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी एड ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर रिषभ, शिवमोचन, सोनू, फारुख अली हाशमी, ठाकुर कुशवाहा, शिखा, मृत्युंजय, ममता, समता, आत्मप्रकाश तिवारी एड ,जयशंकर त्रिपाठी एड, देवानंद पांडेय एड आदि लोग मौजूद रहे।

Viyasmani Tripaathi

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