LIVE TVब्रेकिंग न्यूज़महेंद्रगढ़हरियाणा

जिला गौड़ ब्राह्मण सभा ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार महेंद्रगढ़ हरियाणा 

 

*नारनौल टुडे न्यूज़*

         श्री गौड़ ब्राह्मण सभा नारनौल ने भारतीय विधि आयोग दिल्ली के अध्यक्ष को पत्र लिखकर देश में सामान नागरिकता संहिता लागू करने की मांग की है। गौड ब्राह्मण सभा, नारनौल के प्रधान राकेश महता ने भारतीय विधि आयोग को भेजे गए पत्र में कहा है कि हमारा देश एक पंथ निरपेक्ष देश है, जिसमे संविधान के अनुसार देश के नागरिकों के मध्य जाति धर्म पंथ समुदाय व लिंग के आधार पर कोई अंतर नहीं किया गया। देश के संविधान में सभी नागरिक एक समान है, इसलिए देश के नागरिकों के लिए चाहे वह किसी भी धर्म जाति लिंग के हो एक समान ही कानून होना चाहिए, यानी एक देश एक कानून।     

            *गौड ब्राह्मण सभा प्रधान राकेश महता ने कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद-44 यानी डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसी के अंतर्गत देश में एक समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है। देश में ऐसे निष्पक्ष कानून होने चाहिए, जिसका धर्म से कोई ताल्लुक ना हो और सभी पर एक समान रूप से लागू किसी भी अन्य देश में जाति व धर्म के आधार पर अलग-अलग कानून नहीं है।*     

                उन्होंने कहा कि जब हम संविधान के अनुसार पंथ निरपेक्ष हैं तो पंथ में धर्म के आधार पर अलग-अलग कानून करना बिल्कुल भी उचित नहीं है। हमारे देश की राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए सामान नागरिकता संहिता लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में आपराधिक कानून यानी भारतीय दंड संहिता दंड प्रक्रिया संहिता भारतीय साक्ष्य अधिनियम तथा कुछ दीवानी कानून यानी भारतीय संविदा अधिनियम भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम गार्जियन एंड वॉइस एक्टर आदि कानून एक समान सभी धर्म के लोगों के लिए चल रहे हैं तो केवल विवाह उत्तराधिकार तलाक, गोद, संतान लेना, संपत्ति के बटवारा आदि के लिए अलग-अलग कानून धर्म के आधार पर लागू करना बिल्कुल उचित नहीं है। धर्म के नाम पर मानव अधिकारों का गला घोटना तो निर्दयता के समान है।      

                *उन्होंने कहा कि हमारे देश का सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 1985 में शाहबानो के केस में वर्ष 1995 सरला मुद्गल केस में वर्ष 2003 में जान बलवंत केस में तथा वर्ष 2017 में सायरा बानो केस में देश के एक समान नागरिक संहिता लागू करने की आवश्यकता दर्शाई है। यहां तक कि विश्व के अनेक देश यानी फ्रांस, कनाडा, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, तुर्की, इंडोनेशिया, सूडान व मिश्र आदि जैसे देशों में भी समान नागरिक संहिता लागू है तो यह हमारे देश में क्यों नहीं लागू है। मेहता ने कहा कि कुछ धर्मों में महिलाओं के अधिकार पर्सनल लाज में निमित्त दिए हुए हैं, जिस पर समान नागरिकता संहिता लागू होने की स्थिति में सभी महिलाओं को भी पुरुषों के समान अधिकार मिलेंगे और यह लैंगिक समानता के अधिकार की भी सुरक्षा करेंगे।*

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

Satish Kumar

Beauro Chief Mahendragarh Haryana

Related Articles

Back to top button