ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलएफ लाइन की 8 घंटे कटौतीविभाग के अधिकारी और ऑपरेटर नहीं दे रहे सही जवाब उलटकर उपभोक्ताओं को असंबद्ध से बात किया जाता है

बस्ती टाइम 24 न्यूज़ नर्मदापुरम जिला ब्यूरो चीफ रिपोर्टर हीरालाल गढ़वाल की खास रिपोर्ट
मध्यप्रदेश नर्मदापुरम/ बनखेड़ी तापमान में वृद्धि हो रही है ,वहीं विद्युत व्यवस्था लचर हो चली है। बनखेड़ी क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत सप्लाई लगभग 8 घंटे अघोषित बिजली कटौती की जा रही है जिससे ग्रामीण परेशान है। लेकिन विभाग इस विषय पर कोई सुध लेने के लिए तैयार नहीं है। विद्युत वितरण केंद्र चांदौन के सलैया सब स्टेशन से प्रदाय विद्युत व्यवस्था की लचर कार्यप्रणाली के चलते ग्रामीणों परेशान होते हैं। यहां की विद्युत व्यवस्था प्रतिदिन ओवरलोड का हवाला देते हुए दिनभर लाइट बंद की जाती है। ऐसा अघोषित विद्युत कटौती से छोटे बच्चे एवं बुजुर्गों को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ता है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। परंतु विद्युत विभाग के अधिकारी इस लचर विद्युत व्यवस्था पर कोई खास रूचि लेते नजर नहीं आ रहे हैं । पूर्व जेई संतोष भवरकर द्वारा विद्युत व्यवस्था को सही ढंग से संभालते हुए सुचारू व्यवस्था के लिए प्रयासरत रहते थें। परन्तु उनके तबादले के बाद नवीन जेई नामदेव जबसे आए हैं तभी है इस व्यवस्था को सुचारू चलाने में कोई खास रुचि नहीं लेते नजर आ रहे हैं।
*आंधी तूफान के 10 दिन बाद भी नहीं हुआ क्षतिग्रस्त लाइनों का सुधार*
लगभग 15से20 दिवस पूर्व आंधी तूफान चलने के कारण कुछ खम्भे एवं तार गिरे थे । परंतु 15से 20 दिन बीत जाने के बाद भी पूरी तरह विद्युत व्यवस्था सुचारू चालू नहीं हो सकी जिसके लिए घंटों विद्युत सप्लाई बंद कर कार्य किया जाता है।
*अधिकारी , कर्मचारी नहीं देती सही जवाब*
अघोषित बिजली कटौती के संबंध में यदि कोई ग्रामीण जानकारी चाहता है तो विद्युत विभाग के कर्मचारी और ऑपरेटर उन्हें सही जानकारी ना देना इतना ही नहीं बल्कि ऑपरेटर एवम् विद्युत विभाग अधिकारी से कुछ जानकारी ग्रामीण लेना चाहते हैं तो ग्रामीणों को अशब्द बोला जाता है यही नहीं बल्कि नगर परिषद बनखेड़ी से लगे वार्ड नंबर 15 केमढाना फीटर से भी यही हाल देखने को मिल रहा है यदि जेई नामदेव से बिजली क्यों बंद है यह जानकारी लेते हैं तो उनको सिर्फ एक ही बहाना मिलता है बाचावानी से तार टूटा हुआ है क्या प्रतिदिन बाचावानी मे ही तार टूटता है कहते हैं तो उनके द्वारा उपभोक्ता को अशब्द के साथ बात किया जाता है साथ ही यहां के कर्मचारी अपनी मनमर्जी से विद्युत ट्रांसफार्मर को चला रहे हैं क्या इनपर अधिकारी कार्यवाही कर पाएंगे