
ब्यूरो चीफ सतीश कुमार महेंद्रगढ़ हरियाणा
शहीदी दिवस के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उपायुक्त एवं प्रधान जिला बाल कल्याण परिषद् नारनौल श्री जे0 के0 आभीर के मार्गदर्शन में हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद्, चण्डीगढ की जिला शाखा नारनौल द्धारा अपना स्कूल, मनु नगर नारनौल में आज दिनंाक 23-03-2023 को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें सबसे पहले शहीदी दिवस के अवसर पर शहीद भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए नमन किया गया। स्कूल के सभी विद्याार्थी एवं अध्यापको को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता योजना के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि आजादी की 75वीं वर्ष गांठ के अवसर पर सरकार द्धारा अगस्त-2023 तक आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत बच्चों को देश के स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले वीर शहीदों के बलिदान व उनके योगदान के बारें में अवगत करवाना तथा उनको नमन करना सिखाने के साथ-2 उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश प्रेम व देश भक्ति की भावना जागृत करने की कोशिश की जा रही है। बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि शहीद भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव, सुभाष चन्द्र बोस, झांसी की रानी, चन्द्रशेखर आजाद, मंगल पांडे और राव तुलाराम व अन्य गुमनाम वीर शहीदों को हमें हर समय याद रखना चाहिए जिनके कारण आज हम आजादी में सांस ले रहे है। यह देश हमेशा वीर शहीदों का ऋणी रहेगा। देश सेवा व अपने देश के प्रति प्रेम भावना भी नैतिक मूल्यों की श्रेणी में आते है। आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद्, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओ के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। सत्यनिष्ठा, ईमानदारी व संवेदनशीलता आदि नैतिकता के आधार है। यदि इन गुणों का व्यक्ति में अभाव हो जाता है, तो मनुष्य सही गलत का विवेक खो बैठता है। ऐसा व्यक्ति सभ्य समाज के लिए घातक होता है। वह अपने निजि स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वास्तव में नैतिक गुणो की कोई सूची नही बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते है कि मनुष्य में अच्छे गुणो को हम नैतिक कह सकते है जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरो के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रो में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नितियो का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते है और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सकें।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्री महेन्द्र शर्मा अध्यक्ष भारत विकास परिषद्, दक्षिण प्रान्त हरियाणा ने कहा कि नैतिकता शिक्षण प्रक्रिया की धूरी है। समाज में नैतिक मूल्यों का पतन चरमोत्कर्ष पर है। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व है कि वह विद्यार्थियों में नैतिकता संस्कार के रूप में स्थापित करें। नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण विद्यार्थी स्वतः ही अच्छे आचरण युक्त योग्य इंसान बनेगा।
इस अवसर पर स्कूल की प्राचार्या श्रीमती प्रिति शर्मा ने सभी अतिथियों का अंगवस्त्र के माध्यम से स्वागत किया तथा आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलवाया कि वे बताई गई सभी अच्छी बातो को अपने बच्चों के व्यवहार में लाने की कोशिश करेंगी। इस अवसर पर बाल भवन नारनौल के ई-लाईब्रेरी मैनेजर मनोज सैनी, प्राचार्या श्रीमती प्रिति शर्मा, अध्यापिका सुनिता ढिल्लो, पुष्पा यादव, पूजा वर्मा, सुमन देवी, पूनम यादव, सहित विद्यालय परिवार के सभी सदस्य व स्कूली बच्चें उपस्थित रहे।
संलग्नः- फोटो जिला बाल कल्याण अधिकारी
नारनौल।