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एचसीएस की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग को हरियाणा सरकार कर रही आरक्षण से वंचित

एचसीएस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधानों का पालन करने मे हरियाणा सरकार हो रही विफल 

 

महेंद्रगढ़ से सतीश कुमार की रिपोर्ट 

 

नारनौल 29 जनवरी

हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा एचसीएस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग को आरक्षण से वंचित करने के मामले में बहुजन समाज के विभिन्न संगठनों की सामुहिक बैठक सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में गुरू रविदास मंदिर में रविवार को आयोजित की गई । बैठक का संचालन सर्व समाज के प्रदेश महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल द्वारा किया गया। बैठक में बहुजन समाज के विभिन्न संगठनों द्वारा रोष प्रकट करते हुए हरियाणा सरकार की आरक्षण विरोधी नीति की घोर भर्त्सना की गई और इस आशय का सामुहिक हस्ताक्षरयुक्त पत्र राष्ट्रपति, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राज्यपाल, मुख्यमंत्री व हरियाणा लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को लिखकर मांग की है कि एचसीएस की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधानों को अपनाते हुए पुनः परीक्षा परिणाम जारी किया जाए और तब तक समस्त भर्ती प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगाई जाए।

मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के महासचिव बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2021 में 156 पदों की भर्ती विज्ञापन संख्या 3/2021 जारी किया गया था जिसमें एससी, बीसी, ओबीसी व अन्य वर्गों को आरक्षण का प्रावधान किया गया था और इन्हीं प्रावधानों के तहत प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसका परिणाम 09 अगस्त, 2022 को घोषित कर 12 गुणा योग्य उम्मीदवारों का चयन किया गया था । गोठवाल ने अचरज महसूस करते हुए बताया कि यह गौर का विषय है कि 29 अक्तूबर, 2022 व 01 नवंबर, 2022 को मुख्य परीक्षा के आयोजन का परिणाम 17 जनवरी, 2023 को घोषित करने पर यह स्पष्ट हुआ कि इसमें आरक्षण के प्रावधानों को दरकिनार कर सभी सफल उम्मीदवारों को सामान्य उम्मीदवारों के समान ही माना गया है जो न्यायसंगत नहीं है। संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान व हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी द्वारा रोष प्रकट करते हुए कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के प्रावधानों का खुलम खुला उलंघन किया गया है जो असंवैधानिक व गैर कानूनी है। इसके साथ सफल उम्मीदवारों की संख्या भी कुल पदों के तीन गुना से कम रखी गई है जो स्वयं आयोग के नियमों के विरूद्ध है।

इस अवसर पर बैठक में अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष लाला राम नाहर, गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल, अखिल भारतीय कर्मचारी कल्याण संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दया डुलगच, भीम आर्मी के सचिव दीपक, भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सचिव सुमेर गोठवाल, भारत एकता मिशन के नरेंद्र कुमार, रविदास महासभा के उपाध्यक्ष सुरेश नारनोलिया व बाबूलाल नारनोलिया, कोषाध्यक्ष प्यारेलाल चवन, हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के कानूनी सलाहकार एडवोकेट सुरेंद्र सैनी, हरियाणा प्रदेश चमार महासभा के लेखाधिकारी रामकुमार ढ़ैणवाल, महर्षि वाल्मीकि सभा के प्रधान जोगेंद्र जैदिया, खटीक सभा से पतराम खिंची, संघर्ष समिति के खण्ड प्रधान रोहतास बबेरवाल, दलित सेना के प्रधान कैलाश जाखड़, जयपाल सिंह, पूर्व प्रधान आरसी ग्रोवर, रविदास महासभा के पूर्व प्रधान कर्मवीर रघुनाथपुरा, हरि सिंह बड़कोदिया, सूबेदार फूल चंद, आशुतोष, प्रीतम, पूर्व प्रधान रघुबीर प्रशाद, निहाल सिंह, राजबीर सिंह, रमेश पटीकरा, सुरत सिंह आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

Viyasmani Tripathi

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