
महेंद्रगढ़ से सतीश कुमार की रिपोर्ट
नारनौल 23 जनवरी
हरियाणा प्रदेश के राजकीय विद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के बैंक खातों में गत तीन वर्षों से निदेशालय द्वारा स्कूल ड्रेस व छात्रवृत्ति की राशि ना डालने के संगीन मामले में सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में सभी सामाजिक संगठनों द्वारा कड़ा संज्ञान लेते हुए इस आशय के ज्ञापन की प्रति राज्यपाल, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव व हरियाणा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के नाम उपायुक्त डॉ जेके आभीर को सौंपी गई। उपायुक्त द्वारा गहनता से इस मामले को सुना और प्राथमिकी आधार पर सरकार से कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए हरियाणा अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था दिल्ली के प्रमुख सलाहकार बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा गत 3-4 साल से राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों की स्कूल ड्रेस व छात्रवृत्ति की राशि उनके बैंक खातों में अभी तक नहीं डाली गई है और इसके अलावा छात्रों को पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी समय पर उपलब्ध नहीं करवाई जा रही हैं। यह शिक्षा विभाग की गम्भीर अनियमितता और लापरवाही है जिसका खामियाजा छात्र व उनके अभिभावक भुगत रहे हैं। यहां यह गौरतलब व विडम्बना ही है कि हरियाणा प्रदेश में 17 लाख बच्चे स्कूल ड्रेस व छात्रवृत्ति की राशि से वंचित हैं जिसमें दक्षिण हरियाणा के नारनौल से 16000, रेवाड़ी से 15000, नूंह से 200000, पलवल से 144000 तथा फरीदाबाद से 80000 छात्र शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर जीपीएस भीलवाड़ा के पांचवी कक्षा के छात्र हिमांशु पुत्र धर्मेंद्र को गत पांच साल से और राजकीय महाविद्यालय नारनौल की नीरपुर निवासी हिमानी पुत्री जयदयाल रजिस्ट्रेशन नंबर 181131101649 को सैशन 2019-20 से आज तक कोई छात्रवृत्ति नहीं मिली है। हरियाणा के छात्रों व अभिभावकों में शिक्षा विभाग के प्रति भारी रोष व्याप्त है।
हरियाणा अजा एवं पिछड़ा वर्ग महासभा के प्रधान बिशन कुमार सैनी, सर्व अनु0 जाति संघर्ष समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान व कुम्हार सभा के प्रधान किशनलाल लुहानीवाल ने अपने संयुक्त ब्यान में बताया कि सरकार द्वारा छात्रों को पांचवीं कक्षा तक 800 रूपए तथा छठी से आठवीं तक 1000 रूपए देने का प्रावधान किया हुआ है, परंतु सरकार द्वारा छात्रों को उनकी छात्रवृत्ति व ड्रेस की राशि ना देना शिक्षा विभाग की अव्यवहारिक कार्यशैली व लापरवाही को दर्शाता है जिसके चलते छात्रों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है जो न्यायसंगत नहीं है । वहीं महर्षि वाल्मीकि सभा एवं संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष राजेश चांवरिया व खटीक सभा व संघर्ष समिति के ब्लाक प्रधान पतराम खिंची ने बताया कि एमआइएस पोर्टल पर छात्रों की पूरी जानकारी जैसे बच्चे का नाम, आधार, परिवार पहचान पत्र, बैंक खाता व कक्षा सहित अपलोड होती है। इस संबंध में जानकारी मिली है कि छात्रों के बैंक खातों में राशि जमा ना होने की वजह परिवार पहचान पत्र में गड़बड़ियां बताई जा रही हैं जिसमें गरीब बच्चों के अभिभावकों की आय लाखों रूपए में दर्शाकर दस्तावेजों में उन्हें अमीर बना दिया गया है। सर्दी के इस ठिठुरते मौसम में शिक्षा विभाग के अधिकारी इस संगीन मामले में अनियमितता व लापरवाही करने के लिए पूर्णतया उत्तरदाई बनते हैं। इस मामले में सभी संगठनों ने सामुहिक रूप से सरकार से इन छात्रों की छात्रवृत्ति व ड्रेस की राशि अविलंब जारी करने की मांग की है।
इस अवसर पर भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सह सचिव सुमेर सिंह गोठवाल, रविदास महासभा के हरि राम महारानियां, संघर्ष समिति के अमरनाथ सिरोहा, सचिव हजारीलाल खटावला आदि उपस्थित रहे।