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शीत लहर से बचाव के संबंध में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा एडवायजरी जारी

जिला संवाददाता : करण सिंह ठाकुर

गुना। कलेक्टर श्री फ्रेंक नोबल ए० के निर्देशानुसार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्‍वर द्वारा शीत लहर से बचाव हेतु जनहित में एडवायजरी जारी की गयी है।

जारी एडवायजरी अनुसार जन सामान्य के लिए सलाह दी गयी है कि स्थानीय मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो, टीव्‍ही एवं समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया द्वारा दी जाने वाली जानकारी का अनुसरण करें। पर्याप्त मात्रा मे गर्म कपडे पहनें। आपातकालीन समय के लिए आवश्‍यक खाद्य पदार्थ, पानी, ईधन, बैटरी, इमरजेंसी लाईट एवं आवश्‍यक दवाईयॉ तैयार रखें। शीत लहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारीयों की संभावना अधिक बढ जाती है। जैसे-फ्लू चलना, सर्दी, खांसी एवं जुकाम आदि के लक्षण हो जाने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं या चिकित्सक से संपर्क करें। नियमित रूप से गर्म पेय पीते रहे। अल्प तापवस्था के लक्षण जैसे- सामान्य से कम शरीर का तापमान, कप-कपी, याददाश्‍त चले जाना, बेहोशी या मूर्छा की अवस्था हो जाना, जवान का लडखडाना आदि प्रकट होने पर उचित इलाज किया जाये। समस्त आशा कार्यकर्ताओं को शीतलहर से बचने के उपायों से अवगत करावे तथा उनके द्वारा जनसामान्य मे इसका प्रचार-प्रसार करें।

 

शीत लहर के समय क्या करें:- पर्याप्त मात्रा में गर्म कपडे जैसे- दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहने। शीतलहर के समय चुस्त कपडे ना पहने यह रक्त संचार को कम करते है इसीलिये हल्के ढीले -ढाले एवं सूती कपडे बाहर की तरफ एवं उनी कपडे अंदर की तरफ पहने। शीत लहर के समय जितना संभव हो सके घर के अंदर ही रहें और कोशिश करें कि अति आवश्‍यक हो तो बाहर यात्रा करें। कोविड-19 एवं अन्य श्वसन संक्रमण से बचने के लिऐ बाहर जाने पर अनिवार्य रूप से मास्क अवश्‍य पहनें। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वो से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाए रखने के लिए विटामिन -सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं एवं नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ अवश्‍य पिएं। अत्याधिक ठंड के समय दीर्घकालीन बीमारियों जैसे- डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, श्वास संबंधी बीमारियों वाले मरीज, वृद्व पुरूष/महिलायें जिनकी आयु 64 वर्ष से अधिक, 06 से कम आयु के बच्चें, गर्भवती महिलाए आदि को ऐसी स्थिति में देखभाल करें। अधिक ठंड पढने पर पर्याप्त वेंटिलेशन होने पर ही रूम हीटर का उपयोग करें एवं बंद कमरे गर्म करने के लिए कोयले का उपयोग ना करें क्योकि यह कोयला जलने पर कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है जिससे किसी की भी मृत्यु हो सकती है। अधिक ठंड पडने पर जहॉ तक संभाव हो सके पालतू जानवारों को घर के अंदर ही रखें। अत्याधिक ठंड पडने से प्रभावित शरीर के हिस्से पर मालिश ना करे इससे अधिक नुकसान पड सकता है। शीत लहर मे अधिक ठंड के लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से त्वचा कठोर एवं सुन्न हो सकती है। शरीर के अंगो जैसे – हाथ/पैर की उंगलियों नाक एवं कान में लाल फफोले हो सकते है। शरीर के भाग के मृत हो जाने पर त्वचा का लाल रंग बदलकर काला हो सकता हे। यह बहुत खतरनाक है और इसे गैंग्रीन रोग कहा जाता है। इसके लिए तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर के संपर्क में आने से फ्रोस्टबाइट एवं हाइपोथर्मिया) बीमारी हो सकती है। शीत लहर के संपर्क में आने से फ्रोस्टबाइट होने पर शरीर के अंगों जैसे- हाथ-पैर की उंगलियां सुन्न हो जाना, नाक एवं कान की त्वचा का रंग सफेद एवं पीला हो जाना आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर के संपर्क में आने से हाईपोथर्मिया होने पर शरीर के तापमान में कमी आ सकती हैं, जिसके कारण बोलने में कठिनाई, नींद न आना, मांसपेशियों का सुचारू रूप से कार्य न करना, सांस लेने में कठिनाई आदि लक्षण पाये जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। शीत लहर से संबंधित प्राथमिक उपचार हेतु अधिक जानकारी के लिए एनडीएमए एप फॉलो किया जा सकता है और श्री सत्येन्द्र रघुवंशी जिला महामारी विज्ञानी से सम्पर्क किया जा सकता है।

Vikas Annotiya

Beauro Chief District - Guna Madhya Pradesh

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