रामपुरा की निर्माणाधीन बाढ़ग्रस्त रिंगवाल नगरवासियों के लिए वरदान हैं या फिर अभिशाप…?

ब्यूरो रिपोर्ट अजीमुल्ला खान
लोकेशन जिला नीमच तहसील रामपुरा
रामपुरा/नीमच(मप्र):- सन 2019 की बारिश का मौसम जिला नीमच मप्र के रामपुरा नगर एवम क्षेत्र वासियों के लिए एक भयावह दौर रहा जहां एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील चंबल नदी के छोर पर विगत 60 वर्षो से नगर सुरक्षा हेतु बनी हुई रिंगवाल मूसलधार बारिश से आई बाढ़ के कारण टूटने एवं नगर क्षेत्र में पानी घुसने से यहां के नगरवासियों को एक भयावह मंजर एवम माली नुकसान से गुजरना पड़ा जिसके 02 वर्षो पश्चात 2022 में क्षेत्रीय विधायक अनिरुद्ध माधव मारू द्वारा क्षेत्रवासियों की परेशानी को देखते हुए बाढ़ से क्षतिग्रस्त रिंगवाल का निरीक्षण कर पुनः निर्माण के लिए तत्कालीन सरकार से करोड़ों रुपयों की योजना स्वीकृत कराई गई एवं अप्रैल 2022 से निर्माण कार्य शुरू किया गया जिससे रामपुरा क्षेत्र के आमजन को राहत की थोड़ी सांस मिली किंतु यह राहत केवल 02 माह तक ही सीमित रही क्यों कि पुनः बारिश का मौसम आने से निर्माणकार्य रोका गया जो की आज दिनांक तक पुनः शुरू नही हो पाया जिस कारण क्षेत्र की जनता में फिर से खौफ पनपना शुरू हो गया जनता के अनुसार निर्माण कार्य अधूरा है जितना कार्य हुआ वो केवल मिट्टी से बना है उसमे भी मुख्य पॉइंट छूटा हुआ है जगह जगह गड्ढे बने हुए है साथ ही जो मिट्टी ठेकेदार कंपनी द्वारा उपयोग में लाई गई रिंगवाल के नजदीक से ही अवैध रूप से खनन की गई जिस कारण रिंगवाल से नदी का पानी जगह जगह से रिसाव लेकर नगर की और घुस रहा हैं जनता का यह भी कहना है की आने वाला दौर चुनाव का हैं और बारिश भी नजदीक है , क्या रामपुरा का हाल भी धार कौरम डेम सा होगा? उक्त मामले में जल संसाधन जिम्मेदार अधिकारी मौन है और मौजूदा सरकार के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी चिंतित नहीं हैं एवम संबंधित ठेकेदार का कहना हैं की नदी में पानी भरा होने से हम मिट्टी कहा से लाये? वही विपक्ष कांग्रेस प्रदेश सचिव लोकेंद्र सिंह चंद्रावत का कहना:-