बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया: श्री जैन*
एकल ने मनाई आदिवासी समाज के बीच भगवान बिरसा मुंडा जयंती*

जिला ब्यूरो चीफ : विकास अन्नोटिया
गुना। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर आज पूरा देश जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रही है। एकल वन यात्रा प्रभारी विकास जैन नखराली ने बताया कि एकल अभियान अंचल गुना द्वारा आज 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कार्यक्रम एकल विधालय ग्राम चीम में मनाया गया। जिसमें एकल भाग अध्यक्ष महेश सिंह सोलंकी, एकल वन यात्रा प्रभारी विकास जैन नखराली, पवन सोनी, पप्पू सिंह नायक, नारायण सिंह मीणा, कल्याण सिंह बंजारा, विजय आदिवासी, ग्राम प्रमुख श्याम लाल आदिवासी एवं आचार्य शिवराज सिंह सहरिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा भगवान बिरसा मुंडा जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर आरंभ किया। साथ ही जनजातीय गौरव दिवस पर जनजातीय समाज के भाइयों और बहनों को मैं बधाई दी।भाग अध्यक्ष श्री सोलंकी ने कहा कि अंग्रेजों से देश को आज़ादी दिलाने वाले महापुरुष कई रहे। जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। ऐसे ही एक महान क्रांतिकारी महापुरुष जिन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। उनका नाम है, महानायक बिरसा मुंडा जिन्हे देखकर अंग्रेज सत्ता थर्राती थी। जिनकी ताकत का लोहा पुरी अंग्रेज़ी हुकूमत मानती थीं।
वन यात्र प्रभारी श्री जैन ने कहा कि अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का बिगुल फूंकने वाले भगवान बिरसा मुंडा एक महान क्रांतिकारी और आदिवासी नेता थे। ये मुंडा जाति से संबंधित थे। बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के ऐसे नायक रहे हैं जिनको जनजातीय लोग आज भी गर्व से याद करते हैं। वर्तमान भारत में बसे आदिवासी समुदाय बिरसा को धरती आबा और भगवान के रुप में मानकर इनकी मूर्ति पूजा करते हैं। अपने समुदाय की हितों के लिए संघर्ष करने वाले बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को भी अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया था। उनके ऐसे नेक योगदान के चलते उनकी तस्वीर भारतीय संसद के संग्रहालय में आज भी लगी है। यह नेक सम्मान जनजातीय समाज में केवल बिरसा मुंडा को ही प्राप्त है। आज उनकी जयंती पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची से 70 किलोमीटर दूर उस गांव में पहुंचने वाली हैं, जहां बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था. यह पहला मौका है बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में किसी राष्ट्रपति का दौरा हो रहा है। हम सौभाग्य शाली है।