*दिव्यांग बोले, 20 सालों से क्यो नही दिखा सरकार को दिव्यांगों दर्द, *
घिसटकर चलने वालों के लिए 40km की यात्रा 4 हजार km के बराबर

जिला ब्यूरो चीफ : विकास अन्नोटिया
गुना। दिव्यांग स्वभिमान यात्रा का आगाज़ गुना जिले की राघोगढ़ तहसील से हुआ था, जिसमे पूरे प्रदेश के दिव्यांगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था, 7 नवम्बर को शुरू हुई यात्रा के दूसरे ही दिन कलेक्टर और एस पी दिव्यांगों के पास पहुचे लेकिन दिव्यांगों ने उन्हें अपना ज्ञापन नही दिया,
दिव्यांग इस जिद पर आड़े रहे कि प्रभारी मंत्री या ग्रह मंत्री ही हमारी यात्रा को बीच मे समाप्त कर सकते है, दिव्यांग स्वभिमान पद यात्रा अपने दूसरे पड़ाव पर ही पहुची थी कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने दिव्यांगों से 3 माह का समय मांगा और दिव्यांगों प्रतिनिधि मण्डल को मुख्यमंत्री आवास पर मिलकर अपनी बात रखने की व्यवस्था करने के लिए कहा, तब कही जाकर दिव्यांगों ने अपनी यात्रा को 3 माह के लिए स्थगित किया है, दिव्यांगों का कहना है कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी, दिव्यांगों ने यह भी कहा की सामान्य व्यक्ति के लिए भी 40km की पैदल यात्रा आसान नही होती हमारे लिए तो 40km की यात्रा 4 हजार km के बराबर है फिर भी दिव्यांग 40km की पैदल यात्रा पर निकले है, करीब 2 दर्जन दिव्यांगों की पैदल चलकर गंभीर हालत हो चुकी थी किसी के हाथों से खून निकल रहा है तो किसी के पैरों से और किसी के घुटने सड़क की रगड़ से छिल चुके है दिव्यांगो के लिए यह तीन दिन की यात्रा किसी हिमालय पर चढ़ने से कम नही थी फिर दिव्यांग अपनी मांगों के लिए पूरे 40 km पैदल चलने पर आड़े हुए थे, दिव्यांगों ने कहा कि सरकार को इस बात की गंभीरता को समझना चाहिए की दिव्यांग वर्ग कितनी पीड़ा में पैदल चल रहा है, साथ ही दिव्यांगों ने यह भी कहा कि यदि 3 माह में कानून बनाकर हमारी मांगो को पूरा नही किया गया तो यह यात्रा वही से शुरू होगी जहां से आज स्थगित हो रही है, हमारी लड़ाई जब तक जारी रहेगी तब तक सरकार हमारी मांगो को पूरा कर देती!