वैदिक रीति-रिवाज तथा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ तुलसी-सालिग्राम विवाह

राणा प्रताप राय
ब्यूरो चीफ
संतकबीरनगर
जनपद संतकबीरनगर के धनघटा तहसील अन्तर्गत महुली कसबा मे शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी पर्व पर हर्षोउल्लास के साथ तुलसी विवाह का आयोजन किया गया! इस दौरान बनाए गये विवाह मंडप मे वर पूजा, कन्यादान सब कुछ पारम्परिक रीति-रिवाजों के आयोजित हुआ! महिलाओं ने विवाह गीत और भजन श्रद्धालुओ द्वारा गाया! उसके उपरांत प्रसाद वितरण हुआ! हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि दिन शुक्रवार को महुली कसबा निवासी हरिवंश यादव के घर शाम के समय तुलसी चौरा के पास गन्ने का भव्य मंडप बनाकर उसमें साक्षात् नारायण स्वरुप शालिग्राम की मूर्ति रखी गयी। मंडप मे वर पूजा, कन्यादान, हवन सब कुछ वैदिक रीति-रिवाजों के साथ निभाया गया! इस विवाह में शालिग्राम वर और तुलसी कन्या की भूमिका में रही! यह सारा आयोजन यजमान सपत्नी मिलकर किये! तुलसी के पौधे को यानी लड़की को लाल चुनरी-ओढ़नी ओढ़ाया गया था! तुलसी विवाह में सोलह श्रृंगार के सभी सामान चढ़ावे के लिए रखा गया था!
इस दौरान विद्वान आचार्य दयानंद द्विवेदी और महंत गौतम दास द्वारा उच्चारित मंत्रोच्चार के बीच शालिग्राम को दोनों हाथों में लेकर यजमान दिलीप यादव वर के रूप में यानी भगवान विष्णु को और यजमान की पत्नी अरूनधती यादव तुलसी के पौधे को दोनों हाथों में लेकर अग्नि के सात फेरो के साथ हिन्दू रीति-रिवाज से वर-वधु का विवाह सम्पन्न कराया! महंत गौतम दास ने बताया कि पद्मपुराण के पौराणिक कथा अनुसार राजा जालंधर की पत्नी वृंदा के श्राप से भगवान विष्णु पत्थर बन गए थे, जिस कारणवश प्रभु को शालिग्राम भी कहा जाता है! भक्तगण इस रूप में भी उनकी पूजा करते हैं! इसी श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु को अपने शालिग्राम स्वरुप में तुलसी से विवाह करना पड़ा था! उसी समय से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को तुलसी विवाह का उत्सव मनाया जाता है! सनातन परम्परा के अनुसार तुलसी को देवी रुप में हर घर में पूजा जाता है! तुलसी की नियमित पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति तथा पुण्य फल में वृद्धि मिलती है! तुलसी बहुत पवित्र मानी जाती है! सभी पूजा में देवी तथा देवताओं को अर्पित की जाती है! तुलसी घर-आंगन के वातावरण को सुखमय तथा स्वास्थ्यवर्धक बनाती है! तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है! तुलसी की नियमित पूजा से हमें सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है! तुलसी विवाह से पूर्व विधिवत शादी की बारात निकाली गई। इस अवसर पर सरिता यादव, विंध्यवासिनी, निकिता, गीता, बबीता, मोनी, कविता, उमा, रमा, श्रेया, नीरज यादव, नागेंद्र यादव, शत्रुघन मिश्र, शेषनाथ यादव, शिवांश यादव, हरिशंकर, पडोही, विनीत, धीरेंद्र पांडेय, रणवीर सिंह, विवेक यादव, रिंकू द्विवेदी, घनश्याम द्विवेदी, श्रवण मिश्र, छोटू यादव, गोलू यादव, शुभ यादव, हरिवंश यादव, रामलौट यादव, सुनील यादव, रिंकू सहित तमाम क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।