रामपुरा में धनगर गुर्जर गायरी समाज में प्रचलित हे फाड़ छोड़ की अनोखी प्रथा

नीमच जिला ब्यूरो अजीमुल्ला खान
लोकेशन जिला नीमच तहसील रामपुरा
रामपुरा में धनगर गुर्जर गायरी समाज में प्रचलित हे फाड़ छोड़ की अनोखी प्रथा
वर्षों से इस प्राचीन परंपरा का निर्वहन करता रहा है गायरी समाज
गायों को परंपरा से निर्धारित स्थान पर एकत्रित कर छोड़ा जाता है
एकत्रित गाये लकड़ी को सुंघ कर मदहोश होकर दौड़ती है
मनासा तहसील के नगर रामपुरा में प्राचीन काल से धनगर गायरी गुर्जर समाज में एक अनोखी प्रथा प्रचलित है जिसका निर्वाहन आज भी नगर के गायरी समाज के लोग परंपरा अनुसार करते आ रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार दीपावली के बाद गोवर्धन करने के बाद नगर के मोहल्ला बादीपुरा में गुर्जर गायरी समाज के लोग अपनी गायों को तब तक नहीं छोड़ते हैं जब तक फाड़ छोड़ की प्रथा पूरी नहीं हो जाती इस प्रथा में दोपहर को सभी गायों को एकत्रित किया जाता है और उनकी ढोल-ढमाकों को के साथ सामूहिक पूजा करने के बाद उनको नगर की सीमा द्वार कॉलेज के समीप ले जाया जाता है फिर वहां पर एक फेंकड़ी वाली तिकोना आकार वाली लकड़ी जिस पर चमड़ा चढ़ा रहता है उस लकड़ी को गायों को समाज के पटीगर गोत्र वाले व्यक्ति द्वारा सुंघाया जाता है जिससे गाय मदहोश होकर इधर उधर भागती है जिसे फाड़ छोड़ना कहते हैं इसके पश्चात लकड़ी को जल में विसर्जन कर दिया जाता है